पुतली की ज्योति प्रखर, सोया यमुना तीर ।
सत्य-अहिंसा देश हित, अर्पित किया शरीर ।
अर्पित किया शरीर, यशोदा माँ का मोहन ।
कुरुक्षेत्र का युद्ध, करे गीता सा प्रवचन ।
पर यह मोहन कौन, नचाये जिसको सुतली ।
कौन नचावन-हार, बना नाचे कठपुतली ।।
यह निश्चित ही हमारे प्रधानमंत्री नहीं हो सकते :-)
ReplyDeletelol
ReplyDeletelike the title
बहुत सुंदर तरीके से याद किया है आपने गांधी जी को..
ReplyDeletewah...sundar prastuti
ReplyDeleteरविकर जी,
ReplyDeleteआपसे जैसा कहा था उस समय परिचय हुआ ए कजब चलने की वेला निकट आ चुकी थी.. खैर फिर से जुदुन्गा जल्दी ही!! वादा रहा!!
मोह न माया का करें ,पढ़िये गीता - सार
ReplyDeleteकठपुतली सब हैं यहाँ,छदम जगत निस्सार
छदम जगत निस्सार,नाम बस रह जाना है
काया का यह महल ,एक दिन ढह जाना है
कुछ ना जाये साथ , करें कितना भी दोहन
रहो मोह से दूर , यही सिखलाते मोहन |
पर यह मोहन कौन, नचाये जिसको सुतली ।
ReplyDeleteकौन नचावन-हार, बना नाचे कठपुतली ।।
मातु सोनिया पूजिए नित्य प्रति ,श्रीमान
मोहन सा बढ़ जाएगा फिर सबका सम्मान .. बहुत बढ़िया व्यंग्य है भाई साहब , दो ब्लॉग बादशाहों का मिलन अपूर्व तो होना ही था .चित्रमय रूपक प्रेम का ,ब्लॉग दोस्ती का प्रस्तुत किया आपके कवित्त ने साथ में बोनस के रूप में पर्यटन का मजा मुफ्त में लुटवाया .बधाई शाष्त्री जी जिन रविकर दिया मिलाय ,बधाई रविकर जी जिन शाष्त्री दियो मिलाय .कृपया यहाँ भी पधारें -
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
उतनी ही खतरनाक होती हैं इलेक्त्रोनिक सिगरेटें
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 31 मई 2012
शगस डिजीज (Chagas Disease)आखिर है क्या ?
शगस डिजीज (Chagas Disease)आखिर है क्या ?
माहिरों ने इस अल्पज्ञात संक्रामक बीमारी को इस छुतहा रोग को जो एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुँच सकता है न्यू एच आई वी एड्स ऑफ़ अमेरिका कह दिया है .
http://veerubhai1947.blogspot.in/
bahut achha likha hai
ReplyDeleteshubhkamnayen
मोहनों की महिमा न्यारी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर पोस्ट।
ReplyDeleteबढ़िया....
ReplyDeleteसारे मोहन प्यारे.....
:-)
गज़ब की चिकोटी!
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