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Wednesday, 28 August 2013

कैसे मुद्रा-पस्त, नहीं घर में हैं दाने-

कैडर से डर डर करे, कैकेयी कै-दस्त |
कैटभ कैकव-अपर्हति, कैसे मुद्रा-पस्त |

कैसे मुद्रा-पस्त, नहीं घर में हैं दाने |
कोंछे में वंचिका, चली जा रही भुनाने |

आये नानी याद, चाल चल रही भयंकर |
दे गरीब के नाम, करे खुश लेकिन कैडर ||

 कैकव-अपर्हति=असली बात बहाने से छिपाना 

Monday, 26 August 2013

ठेले बरबस खींचते, मन भर भर के प्याज


ठेले बरबस खींचते, मन भर भर के प्याज | 
पिया बसे परदेश में, यहाँ छिछोरे आज |

यहाँ छिछोरे आज, बड़ा सस्ता दे जाते |
रविकर नाम उधार, तकाजा करने आते |

आया है सन्देश, बड़े हो रहे झमेले |
जल्दी रुपये भेज, खड़े घर-बाहर ठेले - 

Sunday, 25 August 2013

मन पर चाबुक मार, आज रविकर को हांको-

ram ram bhai

कबिरा को ही मुँह-बिरा, चिढ़ा रहा धर्मांध |
करता आडम्बर निरा, तन मन बेड़ी-बाँध |


तन मन बेड़ी-बाँध, भटकता मन्दिर महजिद |
जिद में है इन्सान, भूलता अम्मा वालिद |


मन पर चाबुक मार, आज रविकर को हांको |
भूल गया है सीख, भूलता है कबिरा को |

Thursday, 22 August 2013

कटे जेल का टिकट, करे जो वायदे झूठे-

(समाचार पर आधारित)
झूठे वायदे हैं मना, बीबी से तो ख़ास |
तीस बरस से मुम्बई, पर जाता ना बॉस |

पर जाता ना बॉस, आज-कल करता रहता |
मैडम जाती कोर्ट, कोर्ट यूँ रविकर कहता |

टिकट कटा ले आज, आदमी अरे अनूठे |
 कटे जेल का टिकट, करे जो वायदे झूठे ||

Wednesday, 21 August 2013

बापू करते ऐश, प्रवन्चन इनका प्रवचन-

बचती भैया बोलकर, चर्चित दिल्ली-केस |
पर बचती नहिं बालिका,  बापू करते ऐश |

बापू करते ऐश, प्रवन्चन इनका प्रवचन  |
कर खुद का कल्याण, वासना रखता तन-मन |

मरें किन्तु दाभोल, बात रविकर नहिं पचती |
जीते ढोंगी साधु, जहाँ बच्ची नहिं बचती |
प्रवन्चना = धोखा

रुपिया डूबा ताल में, पाए कौन निकाल-

गुर्राता डालर खड़ा, लड़ा ठोकता ताल |
रुपिया डूबा ताल में, पाए कौन निकाल |

पाए कौन निकाल, बहे दल-दल में नारा |
मगरमच्छ सरकार, अनैतिक बहती धारा |

घटते यहाँ गरीब, देखिये फिर भी तुर्रा |
पानी में दे ठेल, भैंसिया फिर तू गुर्रा ||

 उखड़े मुखड़े पर उड़े, हवा हवाई धूल ।
आग मूतते हैं बड़े, गलत नीति को तूल ।
गलत नीति को तूल, रुपैया सहता जाए । 
डालर रहा डकार, कौन अब लाज बचाए । 
बहरा मोहन मूक, नहीं सुन पाए दुखड़े । 
हारे भारत दाँव, सदन हत्थे से उखड़े ॥ 

गिरता है गिरता रहे, पर पाए ना पार |
रूपया उतना ना गिरे, जितना यह सरकार |


जितना यह सरकार, नरेगा नरक मचाये |
बस पनडुब्बी रेल, मील मिड डे भी खाए |


लेता फ़ाइल लील, सदन में भुक्खड़ फिरता |
मँहगाई में डील, रुपैया नेता गिरता ||
 रोके से ना रोकड़ा, ले रुकने का नाम ।
रुपिया रूप कुरूप हो, मचा रहा कुहराम । 

मचा रहा कुहराम, हुआ अब राम भरोसे । 
मँहगाई की मार, गरीबी जीवन कोसे । 

कह गरीब के साथ, हाथ नित बम्बू ठोके । 
डालर हँसता जाय, रहे पर रुपिया रो के ॥ 

Sunday, 4 August 2013

वहाँ पाक में स्वाँग, खेल में बँटता बच्चा

बच्चा बँटता इस तरह, ज्यों बच्चों का खेल |
रीयल्टी शो पाक का, आतंकी भी फेल |

आतंकी भी फेल, दुधमुहाँ नए ठिकाने |
लगा ठिकाने बाप, गई माँ जिसे बहाने | 

घर घर बच्चा माँग, यहाँ नक्सल को गच्चा |
वहाँ पाक में स्वाँग, खेल में बँटता बच्चा ||

Thursday, 1 August 2013

सुना लतीफा पाक ने, कैप्टन सौरभ क़त्ल

'बेशर्म' पाकिस्तानः कैप्टन सौरभ कालिया की शहादत ...

पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है. कारगिल जंग के दौरान शहीद हुए कैप्टन सौरभ कालिया के बारे में पाकिस्तान ये कहता रहा कि उनका शव गड्ढे में मिला था, लेकिन इंटरनेट पर तेजी से फैल रहे एक वीडियो से जाहिर हो ...

अमर उजाला




सुना लतीफा पाक ने, कैप्टन सौरभ क़त्ल 
बजा तालियाँ भूल मत, लगे ठिकाने अक्ल  

लगे ठिकाने अक्ल, माफ़ ना होगी हरकत  
रहा सदा तू भोग, कभी ना होय बरक्कत 

बहे पाक में खून, बददुवा दिया खलीफा
हर दिन मरता पाक, नहीं क्या सुना लतीफा