पाठ पढ़ाती पत्नियाँ, घरी घरी हर जाम |
बीबी हो गर शिक्षिका, घर कक्षा
इक्जाम |
घर कक्षा इक्जाम, दृष्टि पैनी वो राखे |
गर्दन करदे जाम, जाम रविकर कस चाखे |
तीन-पांच पैंतीस, रात *छत्तिस हो जाती |
पति तेरह ना तीन, शिक्षिका पाठ पढ़ाती ||
तीन-पांच पैंतीस, रात *छत्तिस हो जाती |
पति तेरह ना तीन, शिक्षिका पाठ पढ़ाती ||
एक तो करेला दूजे नीम चढा....!
ReplyDeleteसच में - 'दुखवा मैं कासे कहूँ' वाली स्थिति - सहानुभूति स्वीकार करें !
ReplyDeleteकाका की याद आ गई शर्मा जी याद आये,
ReplyDeleteरविकर पत्नी पुराण से वे दिन वापस आये!!
उल्लू ने जब बहुत दिमाग लगाया
ReplyDeleteदूसरे दिन उसके 36 समझ में आया ।
lol
ReplyDeletebeautifully explained
तो मतलब शिक्षक पत्नी न हो ...
ReplyDeleteचलो अच्छा है मेरी पत्नी शिक्षक नहीं है मैं खुद शिक्षक हूँ
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