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Wednesday, 21 November 2012

महिला शिक्षा पर करे, जो भी खड़े सवाल -रविकर


 दस शिक्षक के तुल्य है, इक आचार्य महान |
सौ आचार्यों से बड़ा, पिता तुम्हारा जान || 



सदा हजारों गुना है, इक माता का ज्ञान |
  शिक्षा शाश्वत सर्वथा, सर्वोत्तम वरदान ||



 गार्गी मैत्रेयी सरिस, आचार्या कहलांय |
गुरु पत्नी आचार्यिनी, कही सदा ही जाँय ||



कात्यायन  की वर्तिका,  में सीधा उल्लेख |
महिला लिखती व्याकरण, श्रेष्ठ प्रभावी लेख || 



महिला शिक्षा पर करे, जो भी खड़े सवाल |
पढ़े पतंजलि-ग्रन्थ जब, मिटे ग्रंथि जंजाल ||

7 comments:

  1. बिलकुल सच बात कही है!

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  2. शिक्षाप्रद उत्तम दोहे!
    सझा करने के लि्ए
    आभार!

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  3. आदरणीय रविकर जी आप के इन शिक्षा प्रद दोहों का जबाब नहीं काश लोग मन से इसे अपनाएँ परखें ...बधाई
    भ्रमर 5

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  4. बहुत सुन्दर रचना

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  5. स्त्री है संजीवनी,
    शिक्षा ले गर पाय
    क्यों झूठी मुस्कान से,
    पिसे अभागन हाय

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  6. नारी शिक्षा पे एक सटीक काव्यात्मक विमर्श .बधाई .

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