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Sunday, 20 May 2012

दर्श मिले इक बार, मिटें दुःख रविकर सारे -

सारे दुःख की जड़ विकट, रखें याद संजोय |
समय घाव न भर सका, आँखे रहें भिगोय ।


आँखे रहें भिगोय, नहीं चाहूँ 
छुटकारा  ।
अंतर-मन चुपचाप,  नाम नि:शब्द पुकारा ।

 
सचमुच पहला प्यार, हमेशा हृदय पुकारे ।
दर्श मिले  इक बार, मिटें दुःख रविकर सारे ।।

8 comments:

  1. शानदार कुंडली के लिए साधुवाद

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  2. mere man me pichhle kuchh dino se aise bhaw aa rahe the...aapne shabdon me piro kar purn kar diya...bahut sundar

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  3. अच्छी प्रस्तुति है भाई साहब .
    कोई पता न ठौर उसका आज तक मिला ,

    ता -उम्र है ढूंढा किया ,वह पहला प्यार था .

    उसको न ढूंढ सका कोई नैट ऑरकुट ,
    दिन रात औधा था जिसे ,वह पहला प्यार था .
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    http://veerubhai1947.blogspot.in/
    रविवार, 20 मई 2012
    कब असरकारी सिद्ध होता है एंटी -बायटिक : ये है बोम्बे मेरी जान (तीसरा भाग ):

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  4. अच्छी प्रस्तुति है भाई साहब .
    कोई पता न ठौर उसका आज तक मिला ,

    ता -उम्र है ढूंढा किया ,वह पहला प्यार था .

    उसको न ढूंढ सका कोई नैट ऑरकुट ,
    दिन रात ओढा था जिसे ,वह पहला प्यार था .
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    http://veerubhai1947.blogspot.in/
    रविवार, 20 मई 2012
    कब असरकारी सिद्ध होता है एंटी -बायटिक : ये है बोम्बे मेरी जान (तीसरा भाग ):

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  5. अगर भौतिक-मिलन न हो तो भी उनको याद कर लो,अपनी आँखों में बसा लो हमेशा के लिए,दुःख दूर हो जायेंगे !

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  6. सबका दुख कष्ट मिटे इस निवेदन में मैं भी शामिल हूं।

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  7. आँखे रहें भिगोय, नहीं चाहूँ छुटकारा ।
    अंतर-मन चुपचाप, नाम नि:शब्द पुकारा

    खूबसूरत रचना .....
    आभार आपका !

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  8. बढ़िया रचना है|
    पहला प्यार प्रभु छोडिये, केवल रखिये याद
    पता दूजे को चले, तब मत करना फरियाद
    सचमुच पहला प्यार,आदमी नहीं भूलता
    तब तक कर्ता याद,कब्र में नहीं झूलता

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