खोया खील खमीर खस, खंडसारी खटराग |
खंड्पूरी खंडरा ख़तम, खखरा खेले फाग |
(चन्द्र-विन्दु हैं)
खंड्पूरी खंडरा ख़तम, खखरा खेले फाग |
(चन्द्र-विन्दु हैं)
खखरा खेले फाग, खाय खाँटी मंहगाई |
घर घर *रागविवाद, टैक्स-दानव मुस्काई |
*झगडा
*झगडा
खुद का सारोकार, पर्व त्यौहार विलोया ||
ठगे गए हैं आम, स्वाद जीवन का खोया ||
खोया = दूध से तैयार मावा
खील = भुना हुआ धान / लावा
खमीर = मिठाई बनाने में प्रयुक्त होता है-खट्टा पदार्थ खस= सुगंधिंत जड़
खंडसारी = देशी चीनी
खटराग =व्यर्थ की वस्तुवें / सामग्री
खंड्पूरी = मेवा और शक्कर भरी पूरी
खंडरा = बेसन से बना तेल में छाना हुआ पकवान
खखरा = चावल बनाने का बड़ा पात्र / छिद्रमय
नोट: "खट राग" दो बार आया है-
ठगे गए हैं आम, स्वाद जीवन का खोया ||
खोया = दूध से तैयार मावा
खील = भुना हुआ धान / लावा
खमीर = मिठाई बनाने में प्रयुक्त होता है-खट्टा पदार्थ खस= सुगंधिंत जड़
खंडसारी = देशी चीनी
खटराग =व्यर्थ की वस्तुवें / सामग्री
खंड्पूरी = मेवा और शक्कर भरी पूरी
खंडरा = बेसन से बना तेल में छाना हुआ पकवान
खखरा = चावल बनाने का बड़ा पात्र / छिद्रमय
नोट: "खट राग" दो बार आया है-
kya khoob sir,sundar prastuti
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteये कैसी मोहब्बत है
क्या खूब कही मान्यवर.
ReplyDelete
ReplyDeleteबहुत सुंदर .शुभकामनायें.