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Wednesday, 27 February 2013

खंड्पूरी खंडरा ख़तम, खखरा खेले फाग-

खोया खील खमीर खस, खंडसारी खटराग |
खंड्पूरी खंडरा ख़तम, खखरा खेले फाग |

(चन्द्र-विन्दु हैं)
खखरा खेले फाग, खाय खाँटी मंहगाई  |
घर घर *रागविवाद, टैक्स-दानव मुस्काई |
*झगडा 
खुद का सारोकार, पर्व त्यौहार विलोया  ||
ठगे गए हैं आम, स्वाद जीवन का खोया ||
खोया = दूध से तैयार मावा
खील = भुना हुआ धान / लावा
खमीर = मिठाई बनाने में प्रयुक्त होता है-खट्टा पदार्थ खस= सुगंधिंत जड़
खंडसारी = देशी चीनी
खटराग =व्यर्थ की वस्तुवें / सामग्री
खंड्पूरी = मेवा और शक्कर भरी पूरी
खंडरा = बेसन से बना तेल में छाना हुआ पकवान
खखरा = चावल बनाने का बड़ा पात्र / छिद्रमय

नोट: "खट राग" दो बार आया है-

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