(शुभकामनाएं)
कर करवल करवा सजा, कर सोलह श्रृंगार |
माँ-गौरी आशीष दे, सदा बढ़े शुभ प्यार ||
करवल=काँसा मिली चाँदी
कृष्ण-कार्तिक चौथ की, महिमा अपरम्पार |
क्षमा सहित मन की कहूँ, लागूँ राज- कुमार ||
(हास-परिहास)
कान्ता कर करवा करे, सालो-भर करवाल |
सजी कन्त के वास्ते, बदली-बदली चाल ||
करवाल=तलवार
करवा संग करवालिका, बनी बालिका वीर |
शक्ति पा दुर्गा बनी, मनुवा होय अधीर ||
करवालिका = छोटी गदा / बेलन जैसी भी हो सकती है क्या ?
शुक्ल भाद्रपद चौथ का, झूठा लगा कलंक |
सत्य मानकर के रहें, बेगम सदा सशंक ||
लिया मराठा राज जस, चौथ नहीं पूर्णांश |
चौथी से ही चल रहा, अब क्या लेना चांस ??
(महिमा )
नारीवादी हस्तियाँ, होती क्यूँ नाराज |
(महिमा )
नारीवादी हस्तियाँ, होती क्यूँ नाराज |
गृह-प्रबंधन इक कला, ताके सदा समाज ||
मर्द कमाए लाख पण, करे प्रबंधन-काज |
घर लागे नारी बिना, डूबा हुआ जहाज ||
मर्द कमाए लाख पण, करे प्रबंधन-काज |
घर लागे नारी बिना, डूबा हुआ जहाज ||
बेहद सुन्दर प्रस्तुति रविकर सर वाह क्या बात है.
ReplyDeleteबहुत सुंदर ..
ReplyDeleteक्या कहने
waah bahut acchi prastuti..
ReplyDeleteलगती सुंदर है सदा,स्त्री सजी-धजी
ReplyDeleteप्राणप्रिये बनके सदा,रहती रची-बसी