गुण-सूत्रों की विविधता, बहुत जरूरी चीज |
गोत्रज में कैसे मिलें, रखिये सतत तमीज ||
गोत्रज में कैसे मिलें, रखिये सतत तमीज ||
गोत्रज दुल्हन जनमती, एकल-सूत्री रोग |
दैहिक सुख की लालसा, बेबस संतति भोग ||
दैहिक सुख की लालसा, बेबस संतति भोग ||
नहीं चिकित्सा शास्त्र में, इसका दिखे उपाय |
गोत्रज जोड़ी अनवरत, संतति का सुख खाय ||
गोत्रज जोड़ी अनवरत, संतति का सुख खाय ||
गोत्रज शादी को भले, भरसक दीजे टाल |
मंजूरी करती खड़े, टेढ़े बड़े सवाल ||
मंजूरी करती खड़े, टेढ़े बड़े सवाल ||
परिजन लेवे गोद जो, कर दे कन्या-दान |
उल्टा हाथ घुमाय के, खींचें सीधे कान ||
उल्टा हाथ घुमाय के, खींचें सीधे कान ||
मिटते दारुण दोष पर, ईश्वर अगर सहाय |
सबसे उत्तम ब्याह हित, दूरी रखो बनाय ||
सबसे उत्तम ब्याह हित, दूरी रखो बनाय ||
गोत्र-प्रांत की भिन्नता, नए नए गुण देत |
संयम विद्या बुद्धि बल, साहस रूप समेत ||
संयम विद्या बुद्धि बल, साहस रूप समेत ||
रविकर सर आपकी बात निराली है हर वक़्त जब भी लिंक लिक्खाड़ पर आता हूँ कुछ नया ही पाता हूँ।
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