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Tuesday, 16 October 2012

खर्चे कम बाला नशीं, कितना चतुर दमाद-

खर्चे कम बाला नशीं, कितना चतुर दमाद ।
कौड़ी बनती अशर्फी, देता रविकर दाद ।

देता रविकर दाद, मास केवल दो बीते ।
लेकिन दुश्मन ढेर, लगा प्रज्वलित पलीते ।

कुछ भी नहीं उखाड़, सकोगे कर के चर्चे ।
करवा लूँ सब ठीक, चवन्नी भी बिन खर्चे ।

खर्चे कम बाला नशीं = वीरु भाई व्याख्या कर दें कृपया ।।

3 comments:

  1. करवा लूँ सब ठीक, चवन्नी भी बिन खर्चे
    says everything
    nice poem

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  2. एक्टर अजीत अपने गुर्गे रॉबर्ट से, "रॉबर्ट, इस मैंगो मैन को मेरी बनाना इस्टेट में गाड़ दो. इसकी असलीयत भी बनी रहेगी और बनाना स्टेट का स्वाद भी चख लेगा."

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  3. खर्चे कम बाला नशीं, कितना चतुर दमाद ।
    कौड़ी बनती अशर्फी, देता रविकर दाद ।
    देता रविकर दाद, मास केवल दो बीते ।
    लेकिन दुश्मन ढेर, लगा प्रज्वलित पलीते ।
    कुछ भी नहीं उखाड़, सकोगे कर के चर्चे ।
    करवा लूँ सब ठीक, चवन्नी भी बिन खर्चे ।
    खर्चे कम बाला नशीं = वीरु भाई व्याख्या कर दें कृपया ।।

    सत्ता का सिक्का चलता है ,
    सांसद संसद में बिकता है ,
    बे -इज्ज़त कुर्सी को पकडे है ,
    जीजे की सरकार ,
    भजमन हरी हरी .

    हाँ भाई साहब कम खर्च बाला नशीं का मतलब वाही है जो हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा ही चोखा का निकलता है ,.

    एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट -

    TUESDAY, 16 OCTOBER 2012
    खर्चे कम बाला नशीं, कितना चतुर दमाद-

    http://rhytooraz.blogspot.com/2012/10/blog-post_16.html#comment-form

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