Followers

Wednesday, 31 October 2012

सास ससुर सुत सुता पति, सेवा में हो शाम

चली माइके 
छुट्टी का हक़ है सखी, चौबिस घंटा काम |
  सास ससुर सुत सुता पति, सेवा में हो शाम |


सेवा में हो शाम, नहीं सी. एल. नहिं इ. एल. |
जब केवल सिक लीव,  जाय ना जीवन जीयल |


रविकर मइके जाय, पिए जो माँ की घुट्टी |
  ढूँढे निज अस्तित्व, बिता के दस दिन छुट्टी ||

2 comments: