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Wednesday 19 September 2012

ISM धनबाद में एक हफ्ते में दो हृदय विदारक घटनाएं -


हाड़-तोड़ मेहनत  करें, पास करें इम्तिहान ।
I I T से आय के, खुद ले अपनी जान ।

खुद ले अपनी जान, मुहब्बत में इकतरफा ।
मात पिता को रोज, मारता तड़पा तड़पा ।

दूजी घटना  घटित, लड़ी बाइक कुछ ऐसी ।
डेथ हो गई तुरंत,  रहे रो सभी हितैषी ।।

 
तेजा की बाइक चले, बिन  'हेलमेट'  के तेज ।
मीलों ऑफिस बाप का, आता झट से भेज ।

आता झट से भेज,  जाय हरदिन चौराहे ।
 बाहर *भेजा बाप, ^लेट ना होना चाहे ।

बाइक जाती फिसल, निकलता बाहर *भेजा ।
अस्पताल को ^लेट,  ^लेट हो जाता तेजा ।। 


 

3 comments:

  1. हा हतभाग्‍य कराहता पडा हुआ इन्‍सान
    सब कर्मो का फल रहा इसको भी तो मान

    इसको भी तो मान सवर जाएगी तेरी
    कभी न तेज चलेगा हो कितनी भी देरी

    बिस्‍तर पर लेटा सोंचे हर अस्थि हिली है
    समझा अभी कि दुर्घटना से देर भली है ।।

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    1. कैसी विपदा आ पड़ी, खड़ी समस्या गूढ़ |
      हुआ प्रशासन मौन है, दुखी पुरनिया बूढ़ |
      दुखी पुरनिया बूढ़, बड़े तेजस्वी बच्चे |
      संस्कार में चूक, उम्र के दोनों कच्चे |
      प्रेम जाल में एक, अवज्ञा दूजा करके |
      रुला गया माँ बाप, समय से पहले मरके ||

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  2. बनी आफत है
    बुरी हालत है

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