सामयिक ....
ब्लॉग-वर्ल्ड अभि-जात, हकाले ऊल-जुलूली ।उटपटांग कुल कथ्य, शिल्प बेहद मामूली ।। क्या कहने ! आपकी अभिव्यक्ति है या मेरी अनुभूति ?
रविकर जी की तुकबंदी दमादम मस्त मस्त.
सामयिक ....
ReplyDeleteब्लॉग-वर्ल्ड अभि-जात, हकाले ऊल-जुलूली ।
ReplyDeleteउटपटांग कुल कथ्य, शिल्प बेहद मामूली ।।
क्या कहने ! आपकी अभिव्यक्ति है या मेरी अनुभूति ?
रविकर जी की तुकबंदी
ReplyDeleteदमादम मस्त मस्त.