भागें भगवन भक्त से, भड़भूजे से अन्न |
फास्ट फूड की फेहरिश्त, फिर फांके संपन्न |
फास्ट फूड की फेहरिश्त, फिर फांके संपन्न |
फिर फांके संपन्न, नहीं ईश्वर से डरते |
बड़ा चढ़ावा भेंट, देख शिर्डी में करते |
रोटी से मजबूर, गरीबी क्या खाएगी |
हांड़-मांस को बेंच, अश्रु ही पी पाएगी ||
रोटी से मजबूर, गरीबी क्या खाएगी
ReplyDeleteहांड़-मांस को बेंच, अश्रु ही पी पाएगी
realistic touchy poem