घाट-घाट जल 'पी लिया', दुनिया दिया चराय ।
पानी दूषित था मगर, आज 'पीलिया' खाय ।
आज 'पीलिया' खाय, विकट बरसाती मौसम ।
भोग राजसी रोग, पड़ा बिस्तर पर बेदम ।
किया घाट ही घाट, पहन चोला यह वल्कल ।
आया चिंतन-काल, छानिये घाट-घाट जल ।।
यमक -
*'पीलिया'= जांडिस
* घाट = छल-कपट
samayik sundar rachana ...abhaar
ReplyDeleteसच सबकुछ हजम कर वालों की कोई कमी नहीं है देश में ..
ReplyDeleteबहुत खूब!
हुआ 'पीलिया' हॉस्पिटल , फौरन जाना लाल
ReplyDeleteदवा समय पर ले सदा ,'पीली या' हो लाल
पीली या हो लाल ,'पी लिया' कर गन्ना-रस
चंगा होगा शीघ्र , हृदय में रख ले साहस
फास्ट फूड कर बंद, उचित परहेज किया कर
खानपान से स्वास्थ्य ,ध्यान तू जरा दिया कर ||