टेढ़ी मूँछे चाहती, करना सीधी पूँछ ।
जबकि मानव कर्म शुभ, "वक्र-तुंड" बिन *छूछ ।
गणेश
*खाली
*खाली
वक्र-तुंड बिन छूछ, *खीर-टेढ़ी जो दीखे ।
^टेढ़ी-उंगली करें, देवता इंद्र सरीखे ।
*कठिन काम
^ कड़ाई करना
^ कड़ाई करना
*टेढ़ी भृकुटी देख, पूँछ परिचय जो पूँछे ।
पहचाने औकात, सफाचट टेढ़ी मूँछे ।।
*क्रोध
बहुत खूब !
ReplyDeleteजय हो...
ReplyDeleteबहुत हो गया रवीकर,पूँछ मूँछ का झगडा
ReplyDeleteजब ये दोनों है नही,फिर काहे का रगडा ,,,,
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बहुत खूब
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