बहुत खूब !माँ का आशीर्वाद सही लिखते हैंबेच उसी माँ को पैसे गिनते हैंउस पैसे से कार खरीदी जाती है माँ को वृद्धाश्रम भी छोड़ आती है !!
क्या बात है...यही आघात है ।
बहुत सुंदर क्या बात हैं ....
bahut khari khari kahi ravi karji,par in nirlajjon ki aankhen khulen tab bat bane
ReplyDeleteबहुत खूब !
माँ का आशीर्वाद सही लिखते हैं
बेच उसी माँ को पैसे गिनते हैं
उस पैसे से कार खरीदी जाती है
माँ को वृद्धाश्रम भी छोड़ आती है !!
क्या बात है...यही आघात है ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्या बात हैं ....
ReplyDeletebahut khari khari kahi ravi karji,par in nirlajjon ki aankhen khulen tab bat bane
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