कोई भी अब पहले जैसा कहां है जनाब ?सही सलाह !
आपकी उमर और पोस्ट का पचासा मुबारक हो !
हमने आपकी पोस्ट का एक कतरा सहेज़ लिया है , आज ब्लॉग बुलेटिन के पन्ने को खूबसूरत बनाने के लिए । देखिए कि मित्र ब्लॉगरों की पोस्टों के बीच हमने उसे पिरो कर अन्य पाठकों के लिए उपलब्ध कराने का प्रयास किया है । आप टिप्पणी को क्लिक करके हमारे प्रयास को देखने के अलावा , अन्य खूबसूरत पोस्टों के सूत्र तक पहुंच सकते हैं । शुक्रिया और आभार
नहीं अब पहले जैसी,रही नारी जहान मेंजी अंधकार में सोचे सुख होगा विहान में
beautiful poemcongrats for half century.
बहुत बढ़िया तरीके से रखा आपने एक सामाजिक मुद्दे को हास्य व्यंग्य परिहास में बातों बातों में ...
यथार्थ!
कोई भी अब पहले जैसा कहां है जनाब ?
ReplyDeleteसही सलाह !
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ReplyDeleteहमने आपकी पोस्ट का एक कतरा सहेज़ लिया है , आज ब्लॉग बुलेटिन के पन्ने को खूबसूरत बनाने के लिए । देखिए कि मित्र ब्लॉगरों की पोस्टों के बीच हमने उसे पिरो कर अन्य पाठकों के लिए उपलब्ध कराने का प्रयास किया है । आप टिप्पणी को क्लिक करके हमारे प्रयास को देखने के अलावा , अन्य खूबसूरत पोस्टों के सूत्र तक पहुंच सकते हैं । शुक्रिया और आभार
ReplyDeleteनहीं अब पहले जैसी,रही नारी जहान में
ReplyDeleteजी अंधकार में सोचे सुख होगा विहान में
beautiful poem
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बहुत बढ़िया तरीके से रखा आपने एक सामाजिक मुद्दे को हास्य व्यंग्य परिहास में बातों बातों में ...
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