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Thursday 25 October 2012

अहंकार का वार, पड़े रिश्ते पर भारी-

यारी को लेते बना, जब अपना ईमान ।
प्रगति पंथ पर प्रेम से, करते मित्र पयान ।
करते मित्र पयान, नहीं हो कोई रोड़ा ।
लेकिन यह विश्वास, कहीं गर कोई तोड़ा ।
अहंकार का वार, पड़े रिश्ते पर भारी ।
दुर्गति की शुरुवात, करे जालिम ऐयारी ।।

3 comments:

  1. bahut hi sarthak arthpurn ......

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  2. अहंकार का वार, पड़े रिश्ते पर भारी ।
    दुर्गति की शुरुवात, करे जालिम ऐयारी ।। बहुत बढ़िया प्रस्तुति,,

    RECENT POST...: विजयादशमी,,,

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  3. अहंकार का वार, पड़े रिश्ते पर भारी
    एकदम सही बात

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