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Thursday, 8 November 2012

हँस हठात हत्या करे, रहे ऐंठ बल खाय

कातिल क्या तिल तिल मरे, तमतमाय तुल जाय ।
हँस हठात हत्या  करे, रहे ऐंठ बल खाय ।

 
रहे ऐंठ बल खाय, नहीं अफ़सोस तनिक है ।
कहीं अगर पकड़ाय, डाक्टर लिखता सिक है ।

 
मिले जमानत ठीक, नहीं तो अन्दर हिल मिल ।
खा विरयानी मटन, मौज में पूरा कातिल ।।

3 comments:

  1. ये कुछ कु -चक्र अपराध के पीछे जीवन खंडों का होता है शेष बचपन में हुई बाद सुलूकी का ,एब्यूज का ,इसीलिए परवरिश पे आज ज्यादा ध्यान देने की ज़रुरत है .

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  2. कहीं अगर पकड़ाय, डाक्टर लिखता सिक है
    very true

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  3. बड़ भागी जो अपराध करे
    खबरन सब अखबार सजे
    ठूँसे बिरयानी मौज करे
    भारत की जनता टैक्स भरे।

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