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Sunday, 18 November 2012

अधिक जरुरी है कहीं, स्वस्थ रहे संतान -


 बेटे की चाहत रखें, ऐ नादाँ इंसान ।
अधिक जरुरी है कहीं, स्वस्थ रहे संतान ।
 
स्वस्थ रहे संतान, छोड़ यह अंतर करना ।
दे बेटी को मान, तुझे धिक्कारूं वरना ।
 
बेटा बेटी भेद, घूमता कहाँ लपेटे ।
स्वस्थ विवेकी सभ्य , चाहिए बेटी बेटे ।।

3 comments:

  1. क्या बेटी, क्या बेटा, दोने हैं 'अपना ही खून' |
    दोनों को दो प्यार बराबर,खुदा का है क़ानून ||
    फिर क्यों फ़र्क किया दोनों में,कुछ कम अकलों ने-
    कभी बंट सका दो भागों में क्या 'ममता का जुनून' ||

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  2. beta-beti me fark mat kar o bhale insan,
    tere karmon ka fal tujhe degi teri santan.
    very nice presentation.

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