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Tuesday, 6 November 2012

घृत डालो नित प्रेम का, बनी रहे लौ-आग


उम्मीदों का जल रहा, देखो सतत चिराग |
घृत डालो नित प्रेम का, बनी रहे लौ-आग | 

बनी रहे लौ-आग, दिवाली चलो मना ले |
अपना अपना दीप, स्वयं अंतस में बालें |

भाई चारा बढे, भरोसा प्रेम सभी दो |
सुख शान्ति-सौहार्द, बढ़ो हरदम उम्मीदों ||

2 comments:

  1. बहुत अच्छी कामना की है अंकल!


    सादर

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  2. सत्य आज फिर पल रहा,धर्म करे जयघोष
    अहंकार मत पालना,वरना खुद का दोष,,,,,,


    RECENT POST:..........सागर

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