उम्मीदों का जल रहा, देखो सतत चिराग |
घृत डालो नित प्रेम का, बनी रहे लौ-आग |
घृत डालो नित प्रेम का, बनी रहे लौ-आग |
बनी रहे लौ-आग, दिवाली चलो मना ले |
अपना अपना दीप, स्वयं अंतस में बालें |
भाई चारा बढे, भरोसा प्रेम सभी दो |
सुख शान्ति-सौहार्द, बढ़ो हरदम उम्मीदों ||
बहुत अच्छी कामना की है अंकल!
ReplyDeleteसादर
सत्य आज फिर पल रहा,धर्म करे जयघोष
ReplyDeleteअहंकार मत पालना,वरना खुद का दोष,,,,,,
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