अमल अमर-पद अमन मन, "अमर" *अबन बन अक्ष |
कनक कथन कण समर्पण, कर ^कमलज समकक्ष |
कनक कथन कण समर्पण, कर ^कमलज समकक्ष |
कर कमलज समकक्ष, पक्ष कर्मठ कर्तव्यम |
कथन सहज अनवरत, परत लवणम सम द्रव्यम |
अमर सरलतम समझ, रमय हर समय अनन्तर |
उलट पलट कर पत्र, दरस सम्यक अभ्यंतर ||
*सूर्य-चंद्रमा का उत्तरायण और दक्षिणायन होते रहना |
^ब्रह्मा
#नमक
हार्दिक श्रद्धांजलि ।
ReplyDeleteहमारा भी नमन !
ReplyDeleteश्रद्धांजलि !
ReplyDeleteshradhanjali unko
ReplyDeleteaur apko
pranam
मेरी ओर से भी सादर स्मरण।
ReplyDeleteसादर नमन ब्लॉग पुष्पांजलि इस पुन्य आत्मा की पुण्य तिथि पर ,आपका आभार आपने स्मरण कराया ...राम का गुणगान करिए ,राम प्रभु की भद्रता का ध्यान करिए ....
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