(1)
इकसठ सठ सेठा भये, इक सठ आये और |
वा-सठ सड़-सठ गिन रहे, लेकिन करिए गौर |
इकसठ सठ सेठा भये, इक सठ आये और |
वा-सठ सड़-सठ गिन रहे, लेकिन करिए गौर |
लेकिन करिए गौर, चौर की चर्चा चालू |
रखिये निज सिर मौर, दौर चालू जब टालू |
लाखों भरे विभेद, चुनौती बहुत बड़ी है |
दुर्जन रहे खरेद, व्यवस्था सड़ी पड़ी है ||
(2)
राहुल की खातिर करे, रस्ता अन्ना टीम ।
टीम-टाम होता ख़तम, जागे नीम हकीम ।
जागे नीम-हकीम, दवा भ्रष्टों को दे दी ।
पॉलिटिक्स की थीम, जलाए लंका भेदी ।
ग्यारह प्रतिशत वोट, काट कर अन्ना शातिर ।
एन डी ए को चोट, लगाएं राहुल खातिर ।।
सच न हो जाय कहीं आपकी बात और राहुल भईया खुश हो जाएँ ...
ReplyDeleteयही तो सियासत है
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