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Friday, 3 August 2012

इकसठ सठ सेठा भये, इक सठ आये और -रविकर

 (1)
इकसठ सठ सेठा भये, इक सठ आये और |
वा-सठ सड़-सठ गिन रहे, लेकिन करिए गौर |

लेकिन करिए गौर, चौर की चर्चा चालू |
रखिये निज सिर मौर, दौर चालू जब टालू |

लाखों भरे विभेद, चुनौती बहुत बड़ी है |
दुर्जन रहे खरेद, व्यवस्था सड़ी पड़ी है ||

 (2)
राहुल की खातिर करे, रस्ता अन्ना टीम ।
टीम-टाम होता ख़तम, जागे नीम हकीम ।

जागे नीम-हकीम,  दवा भ्रष्टों को दे दी ।
पॉलिटिक्स की थीम, जलाए लंका भेदी ।

ग्यारह प्रतिशत वोट, काट कर अन्ना शातिर ।
एन डी ए को चोट, लगाएं राहुल खातिर ।।

2 comments:

  1. सच न हो जाय कहीं आपकी बात और राहुल भईया खुश हो जाएँ ...

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  2. यही तो सियासत है

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