दिमाग लगाना पड़ता है समझने के लियेनहीं जब आता है तो मंगाना पड़ता है औपरेशन करवाये लियो बिंद का जाके बोल दियो !
नाती पोते सुता और सुत प्यार लुटाती,माता बनती, बनती है वह दादी नानी,गर्मी, आग, मोतिया औ' सहकर उपेक्षा,प्यार लुटाती, औरत की बस यही कहानी!
क्या खूब व्यंग्य है ....और मार्मिक भी !
beautiful perfect yehi kahani hai nari ki
ख्वाहिस की सब पूर, किन्तु अब बात सालती ।आँख रही नित मींज, मोतिया-बिन्द पालती ।।sahi kaha aapnerachana
दिमाग लगाना पड़ता है
ReplyDeleteसमझने के लिये
नहीं जब आता है तो
मंगाना पड़ता है
औपरेशन करवाये लियो बिंद का जाके बोल दियो !
नाती पोते सुता और सुत प्यार लुटाती,
ReplyDeleteमाता बनती, बनती है वह दादी नानी,
गर्मी, आग, मोतिया औ' सहकर उपेक्षा,
प्यार लुटाती, औरत की बस यही कहानी!
क्या खूब व्यंग्य है ....और मार्मिक भी !
ReplyDeletebeautiful perfect
ReplyDeleteyehi kahani hai nari ki
ख्वाहिस की सब पूर, किन्तु अब बात सालती ।
ReplyDeleteआँख रही नित मींज, मोतिया-बिन्द पालती ।।
sahi kaha aapne
rachana