"लिंक-लिक्खाड़"
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नीम-निम्बौरी
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रविकर-पुंज
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"कुछ कहना है"
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श्री राम की सहोदरी : भगवती शांता
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आज समझ में आई
यह बात भाई -
एक महीने की पृष्ठ दृश्य संख्या -
मेरे अपने ब्लॉग
आभार आप सभी का
वेब-पत्रिकाओं और ब्लॉग से चोरी हो रही हैं रचनाएँ : मुंबई से प्रकाशित 'संस्कार' पत्रिका का कारनामा
संस्कार यह राक्षसी, पर नारी को छीन |
अंत:पुर में कैदकर, करे जुल्म संगीन |
करे जुल्म संगीन, कहो कमलेस कहानी |
सजा स्वयं तदबीज, दर्ज कर फर्द बयानी |
करता लेख हरण, नाम अपने छपवाते |
आओ रविकर शरण, आज ही पाठ पढ़ाते ||
अंत:पुर में कैदकर, करे जुल्म संगीन |
करे जुल्म संगीन, कहो कमलेस कहानी |
सजा स्वयं तदबीज, दर्ज कर फर्द बयानी |
करता लेख हरण, नाम अपने छपवाते |
आओ रविकर शरण, आज ही पाठ पढ़ाते ||
निंदनीय कृत्य।
ReplyDeletethis happens with everyone
ReplyDeletethanks for sharing
संकेतात्मक बातों का भी अपना महत्व होता है।
ReplyDelete............
डायन का तिलिस्म!
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
बेहद सावधान और सतर्क रहने रहने की जरुरत है.
ReplyDeleteआभार आप का .
प्रतीक के माध्यम से बेहतरीन कुंडली थोड़े में सब समझा गई .साहित्यिक चोरी भी एक कला है साहब ,नक़ल को भी अकाल की ज़रुरत होती है जो इसका इस्तेमाल नहीं करते रंगे हाथों पकडे जातें हैं शातिर ता उम्र -राम नाम जपना पराया माल अपना करतें हैं .बधाई ब्लोग्रा बनने की .... अवलोकित पृष्ठों की बढती संख्या बल की .... .कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteram ram bhai
बुधवार, 22 अगस्त 2012
रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
What Puts The Ache In Headache?
नक़ल कर के छापना और नाम न देना .. निंदनीय है ....
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