Followers

Monday, 23 July 2012

गर इज्जत की फ़िक्र, व्याह करते हो काहे -रविकर

बजे बाँसुरी बेसुरी, काट फेंकते बाँस ।
यही मानसिकता करे, कन्या भ्रूण विनाश ।

कन्या भ्रूण विनाश, लाश अपनी ढो लेंगे ।
नहीं कहीं अफ़सोस, कुटिल कांटे बो देंगे ।

गर इज्जत की फ़िक्र, व्याह करते हो काहे  ?  
नारी पर अन्याय, भरोगे आगे आहें ।।

17 comments:

  1. ..bahut hi arthpoorn aur sundar likha hai aapne, Ravikar!

    ReplyDelete
  2. पानी से नहा कर निकला हूं
    खाल धोई बाल भी धोए
    क्या धुल गया हूं मैं सम्पूर्ण
    क्या खाल बाल मात्र हूं मैं
    मैं कौन हूं
    मेरा स्नान कैसे हो
    मेरी तलाश यही है
    चंद क़तरे टपक रहे हैं
    न खाल से न बाल से
    वुजूद के अंदर कहीं से
    आंसुओं का यह स्रोत जहां से फूटा है
    वहीं तक मुझे जाना है
    वहीं पे ख़ुद को पाना है
    मुझे वहीं नहाना है

    Nice post.

    ReplyDelete
  3. आदमी अपनी हक़ीक़त को और अपनी मौत को याद रखे तो ही जरायम से बच सकता है।

    ReplyDelete
  4. तीनो ही बहुत सार्थक अभोव्यक्तियाँ हैं।

    ReplyDelete
  5. गर इज्जत की फ़िक्र, व्याह करते हो काहे ?
    नारी पर अन्याय, भरोगे आगे आहें ।।
    कर्तम सो भोगतम बचोगे कब तक भैया ,....

    ReplyDelete
  6. आपसे सहमत शत प्रतिशत ......

    ReplyDelete
  7. बहुत सटीक और तीखा वार ! अति सराहनीय रचना।

    ReplyDelete
  8. agree with you
    nice poem

    ReplyDelete
  9. बजे बाँसुरी बेसुरी, काट फेंकते बाँस ।
    यही मानसिकता करे, कन्या भ्रूण विनाश ।

    कन्या भ्रूण विनाश, लाश अपनी ढो लेंगे ।
    नहीं कहीं अफ़सोस, कुटिल कांटे बो देंगे ।
    अब तो यह समस्या भारतीय समाज का एक और कैंसर बनती जा रही है महिलाओं को सुरक्षा कवच कैसे मुहैया करवाया जाए माँ के कथित सपूतों से माँ बाप के तारण हारों से ?माँ की कोख को कन्या की कब्र बनने से कैसे रोका जाए ?

    ReplyDelete
  10. ऐसे लोगों को दोजख़ में भी जगह नहीं मिलेगी।

    ReplyDelete
  11. कन्या भ्रूण पर सारगर्भित रचना अभिव्यक्ति ... आभार सर

    ReplyDelete
  12. बहुत ही सुंदर कविता

    ReplyDelete
  13. मौन सिंह इस मर्तबा १५ अगस्त को लाल किले पर नहीं चढ़ पायेंगे .आठ अगस्त को ही बाबा रामदेव को दिल्ली पहुँचने से पहले गिरिफ्तार कर लिया जाएगा /मरवाया भी जा सकता है .लाखों समर्थक ९ अगस्त को दिल्ली पहुँच नहीं पायेंगे .इससे पहले देश में साम्प्रदायिक झगडे करवा दिए जायेंगे .उसी में कुछ होगा .मौन साधे बैठी साम्राज्ञी पुणे के बम विस्फोट पे शांत है इस आतंकी हरकत को इन्डियन मुजाहिदीन की करतूत बतलाने से अकलियत के वोट जो कट जायेंगें .
    करेंगे मिलकर भ्रष्टाचार ,
    क्या कर लेंगे भकुवा वोटर ,
    जन गन मन भी है लाचार .

    सलमान खुर्शीद कहतें हैं देश रमजान में व्यस्त है .पुणे के धमाके क्या नव नियुक्त गृह मंत्री के स्वागत में किए गए हैं .कितना महान है देखो भारत देश ये तो साइकिल बम ही हैं यहाँ आके तो आतंकी भी शहीद हो जातें हैं .शहीद पद पा जाते हैं .आतंकी दस्ते .शहीद होने ही आतें हैं इस महान देश में .
    नौ अगस्त से पहले राम देव जी के दिल्ली आवाहन से पहले दिल्ली पुलिस फिर उन्हें दिल्ली के बाहर ही सलवार पहन वायेगी .

    वह महारानी जिसने पूडल पाल रखे हैं यह नहीं समझती देश पहले ही एक बार धर्म के आधार पर बंट चुका है .चुप्पी साधे बैठी है .और ये मौन सिंह इन महाशय के नामकरण में गलती हो गई ग्रंथि से ,राशि वही रही मनमोहन सिंह नहीं यह मौन सिंह हैं .

    देश की बे -इज्ज़ती होने के बाद भी यह कहतें हैं : देश की नहीं मन मोहन सिंह की तौहीन हुई है ब्रिटेन में .
    अरे भाई पुणे के विस्फोटों को लोकल इफेक्ट क्यों नहीं बतलाते ?

    लोकल सबोतेज़ को क्यों नहीं मानते आप ?

    कहीं अकलियत का वोट न चला जाए ?

    और ये चैनालिए कहतें हैं पांच ब्लास्ट हुए हैं लोग महाराष्ट्र में खुशियाँ मना रहें हैं नव -नियुक्त गृह मंत्री का स्वागत कर रहें हैं .

    हाय हाय वोट !अकलियत का वोट .अल्पसंख्यकों का वोट .
    आई एम् में नहीं है खोट .
    आई एम् बोले तो -इन्डियन मुजाहीदीन .

    ReplyDelete
  14. इश्वर से प्रार्थना है आपकी बात दूर तक जाये ...

    ReplyDelete
  15. पुरुषप्रधान समाज में आजतक ऐसा ही होता आया है....काश ये लोग आपकी बात सुन पाते

    ReplyDelete