Followers

Thursday, 5 July 2012

दुर्लभतम अपराध, भूलते राजा-पाटिल

कातिल दुष्कर्मी फँसा, फाँसी  देता कोर्ट ।
रहम याचिका लगा के, ताके नित रेड-फोर्ट ।
 
ताके नित रेड-फोर्ट, दीखता खुटका-खीजा ।
चीखी वो निर्दोष, कलेजा नहीं पसीजा ।

दुर्लभतम अपराध, भूलते राजा-पाटिल।
साफ़ ठगा इन्साफ, दूसरी ढूंढे कातिल ।।

2 comments:

  1. बहुत बढ़िया व्यंग्य है हरजाई व्यवस्था पे ,याचिका व्यवस्था पे .

    ReplyDelete
  2. अब अगला शिकार देखते हैं कौन होगा ?

    ReplyDelete