कोई भी अब पहले जैसा कहां है जनाब ?सही सलाह !
आपकी उमर और पोस्ट का पचासा मुबारक हो !
नहीं अब पहले जैसी,रही नारी जहान मेंजी अंधकार में सोचे सुख होगा विहान में
beautiful poemcongrats for half century.
बहुत बढ़िया तरीके से रखा आपने एक सामाजिक मुद्दे को हास्य व्यंग्य परिहास में बातों बातों में ...
यथार्थ!
कोई भी अब पहले जैसा कहां है जनाब ?
ReplyDeleteसही सलाह !
आपकी उमर और पोस्ट का पचासा मुबारक हो !
ReplyDeleteनहीं अब पहले जैसी,रही नारी जहान में
ReplyDeleteजी अंधकार में सोचे सुख होगा विहान में
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बहुत बढ़िया तरीके से रखा आपने एक सामाजिक मुद्दे को हास्य व्यंग्य परिहास में बातों बातों में ...
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