Followers

Saturday, 21 July 2012

यह मर्दों की जात, नहीं अब पहले जैसी : इस ब्लॉग की 50 वीं पोस्ट


प्रगतिशील नारी खड़ी, पति से हुआ विवाद ।
पर पुत्री की दुर्दशा, हो तलाक के बाद ।

हो तलाक के बाद, साथ माँ के न जाये ।
भाय पिता का साथ, पुलिस चौकी ले आये ।

बेटी मानो बात, पिता की ऐसी-तैसी ।
यह मर्दों की जात, नहीं अब पहले जैसी ।।


6 comments:

  1. कोई भी अब पहले जैसा कहां है जनाब ?
    सही सलाह !

    ReplyDelete
  2. आपकी उमर और पोस्ट का पचासा मुबारक हो !

    ReplyDelete
  3. नहीं अब पहले जैसी,रही नारी जहान में
    जी अंधकार में सोचे सुख होगा विहान में

    ReplyDelete
  4. beautiful poem
    congrats for half century.

    ReplyDelete
  5. बहुत बढ़िया तरीके से रखा आपने एक सामाजिक मुद्दे को हास्य व्यंग्य परिहास में बातों बातों में ...

    ReplyDelete