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Sunday, 8 July 2012

बिगड़े बिगड़े हाल, केमिकल जहरीला था


आम पाल के खा चुके , जिसमें  भरे  बवाल  |
पका केमिकल से मगर, बिगड़े बिगड़े हाल |

बिगड़े बिगड़े हाल, केमिकल जहरीला  था |
नहीं रहा स्वादिष्ट, दीखता  बस  पीला  था |

प्राकृतिक  सुस्वाद , खाइए आम डाल के |
रखो स्वजन का ख्याल, छोडिये आम पाल के ||

अपना तो देशी भला, पाचक लागे नीक ।।

4 comments:

  1. सब को जल्दी है
    पकाने की
    किसी पडी़ है
    थोड़ा सा रुक जाने की !!!

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  2. बहुत सुंदर। नेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है। धन्यवाद।

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  3. यह रसाल है पाल का,भीतर पाले रोग
    चटपट में मत भूलिए,कैसे रहें नीरोग!

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  4. आज फिर आम डाल के खाए ,

    बाबा बहुत याद आए ,लगाए पेड़ उन्होंने थे ,आम के ,

    छोड़ा चस्का पाल का ,खाओ आम डाल का .बढ़िया प्रस्तुति .

    ग्रीन खाओ ,ग्रीन रहो ,ग्रीन हो जाओ .

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