बन्दी-बन्दा मिल करें, कारस्तानी ढेर ।
भीगी बिल्ली बन्दियाँ, बन्दे बनते शेर ।
बन्दे बनते शेर, दाग ना कोई धब्बा ।
बिन हर्रे फिटकरी, कहाता बन्दा अब्बा ।
जाय दशक इक बीत, शेरनी बनती बन्दी ।
गीदढ़ सा अब शेर, लगे लाखों पाबंदी ।।
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हिमायती कम्युनिष्ट, बने कांग्रेसी ढर्रा-
गुड़ गुड़-कर के गुड़गुड़ी, गाय गुड़करी राग -
पूर्ति करे या न करे, लगे चदरिया दाग ।
गुड़ गुड़-कर के गुड़गुड़ी, गाय गुड़करी राग ।
गाय गुड़करी राग, मगर अब भी ना जागे ।
आय आयकर टीम, बोल-बम उन पर दागे ।
खटिया करके खड़ी, गया भाजप का बन्दा ।
बढ़ी और भी अकड़, व्यर्थ धमकाए गन्दा ।।
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बहुत ही सुन्दर
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