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Thursday, 10 January 2013

नक्सल पीछे कहाँ, तनिक आगे है पाकी

 आज यह देखिये -

Three killed in Naxal attack on police van in Jharkhand

पाकी सिर काटे अगर, व्यक्त सही आक्रोश ।
मरे पुलिस के पेट में, नक्सल दे बम खोंस ।

नक्सल दे बम खोंस, आधुनिक विस्फोटक से ।
करे धमाका ठोस, दुबारा पूरे हक़ से ।

अन्दर बाहर शत्रु, बताओ अब क्या बाकी ।
नक्सल पीछे कहाँ, तनिक आगे है पाकी ।।
 

Tuesday, 8 January 2013

  बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी

पाकी दो सैनिक हते, इत नक्सल इक्कीस ।
रविकर इन पर रीस है, उन पर दारुण रीस ।
उन पर दारुण रीस, देह क्षत-विक्षत कर दी ।
सो के सत्ताधीश, गुजारे घर में सर्दी ।
बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी ।
सीमोलंघन खेल, बाज नहिं आते पाकी ।। 


6 comments:

  1. प्रभावशाली ,
    जारी रहें।

    शुभकामना !!!

    आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
    आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।

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  2. अतिसुंदर रचना

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  3. अच्छी है,बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति
    New post : दो शहीद

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  4. बहुत प्रभावी रचना...

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  5. ✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥
    ♥सादर वंदे मातरम् !♥
    ♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿


    आदरणीय रविकर जी
    मन को झकझोर देने वाली आपकी इन रचनाओं के लिए क्या कहा जाए ...
    सादर नमन !

    अंधे-बहरे प्रशासकों तक आपके शब्द पहुंचे तो शायद उनको कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरणा मिले ...
    साधुवाद !!


    हार्दिक मंगलकामनाएं …
    लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर !

    राजेन्द्र स्वर्णकार
    ✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿

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  6. प्रभावपूर्ण रचना ...
    मकरसंक्रांति की शुभकामनाएँ !
    सादर !

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