@ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .
नहीं नहीं जल्दी नहीं, इक मौका दो और ।
माना पाक-परस्त हैं, पर करिए ये गौर ।
पर करिए ये गौर, पुन: हमला हो जाए ।
करे सुरक्षा कर्म, आठ दस जन मर जाए ।
साथ मरें दस-बीस, रीस जिनपर है भारी ।
इन्तजार कर मित्र, कटे जब पारी पारी ।।
प्रभावशाली ,
ReplyDeleteजारी रहें।
शुभकामना !!!
आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।