पंजा-वाले से भला, खुरवाला खुद्दार ।
परम्परागत चाल से, करे जाति-उद्धार ।
करे जाति-उद्धार, जलाशय पद्म उगाये ।
तोडूं तारे-चाँद, कथ्य पंजा भरमाये ।
गंगा गीता गाय, पूजने खिलता *अंजा।
छक्का-पंजा करे, सदा ही खूनी पंजा ।।
अंज = पद्म , कमल
बहुत ही सुन्दर कुण्डलिया!
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .
ReplyDeleteआप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......