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Monday, 21 January 2013

शहनवाज-गडकरी, पार्टी यह आतंकी-

माधौ संघी करें ट्विट,  दिग्गी करें कमेन्ट ।
साहब हाफिज सईद जी, ईष्ट सेंट-पर-सेंट ।

ईष्ट सेंट-पर-सेंट, हमारे स्वामी आका ।
पार्टी लाइन यही, खींचते जाएँ खाका ।

शहनवाज-गडकरी, पार्टी यह आतंकी ।
प्यादे ऊंट वजीर, करे रानी नौटंकी ।।

नारा ढीला हो गया, निन्यानवे बटेर  |
पहुँचायें सत्ता सही, चाहे देर सवेर |

चाहे देर सवेर, गरीबी रेखा वालों |
फँसता मध्यम वर्ग, साथ अब इन्हें बुला लो  |

मँहगाई की मार, टैक्स ने भी संहारा |
लाल-कार्ड बनवाय, लगायें हम भी नारा |

मिली मुबारकवाद मकु, मणि शंकर अय्यार ।
शिंदे फर्द-बयान से, जाते पलटी मार ।
जाते पलटी मार , भतीजा होता है खुश।
नकारात्मक वार, कभी हो जाता दुर्धुष । 
हिन्दु-वाद-आतंक, शब्द लगते हैं मारक ।
हर्षित फूंके शंख, मित्र से मिली मुबारक ।।
जिसने भी भाषण लिखा, ज्ञान-पीठ दो यार ।
ठोक पीठ को प्यार से, प्रकट करो आभार ।
प्रकट करो आभार, भावनामयी प्रभावी ।
आँसू मस्ती प्यार, हमारे पी एम् भावी ।
डी एन ए की बात, सुझाई है पर किसने ।
वह ही हिन्दुस्तान, कहा कांग्रेसी जिसने ।।

2 comments:

  1. डी एन ए की बात, सुझाई है पर किसने ।
    वह ही हिन्दुस्तान, कहा कांग्रेसी जिसने ।।

    आज की समस्याओं पर भावपूर्ण रचनाएँ,उपरोक्त दो पंक्तियाँ भी काफी अच्छी लगी,धन्यबाद।

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  2. कविता तो कविता ,आपकी तो टिप्पणियाँ भी काव्यात्मक होतीं हैं । जबाब नही आपके काव्यप्रवाह का ।

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