काम्बली की ओर से-
खा के झटका मित्र से, दिल का दौरा झेल |
जिस भी कारण से हुई, हुई दोस्ती फेल |
हुई दोस्ती फेल, कलेजा फिर से काँपे |
आ जा भारत रत्न, कांबळी रस्ता नापे |
हुई दोस्त से भूल, माफ़ करदे अब आ के |
लागे व्यर्थ कलंक, अकेले पार्टी खा के ||
वाह ! बहुत खूब.
ReplyDeleteओह !
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति !!!
ReplyDelete==============
नई पोस्ट-: चुनाव आया...
sarthak post .aabhar
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