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Tuesday, 19 November 2013

जिन्दा भारत-रत्न मैं, मैं तो बसूँ विदेश -

जिन्दा भारत-रत्न मैं, मैं तो बसूँ विदेश |
पता नहीं यह मीडिया, खुलवा दे क्या केस |

खुलवा दे क्या केस, करूँगा खुल के मस्ती |
नहीं किसी को क्लेश, मटरगस्ती कुछ सस्ती |

बना दिया भगवान्, करूं क्यूँकर शर्मिंदा |
बनकर मैं इंसान, चाहता रहना जिन्दा ||


सचिन घोंसला व्यग्र, अंजली अर्जुन सारा-


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स्वार्थ हमारा ले रहा, पिच दर पिच आनंद |
प्रतिपल के उन्माद में, तथ्य भूलते चन्द |

तथ्य भूलते चन्द, महामानव है बन्दा |
रेफलेक्सेज नहिं मंद, गगन छू चुका परिंदा |

सचिन घोंसला व्यग्र, अंजली अर्जुन सारा |
बच्चों का अधिकार, छीनता स्वार्थ हमारा ||

चौबिस वर्षों तक जमा, रहा जमाना ताक-

  



बहा नाक से खून पर, जमा पाक में धाक |
चौबिस वर्षों तक जमा, रहा जमाना ताक |

रहा जमाना ताक, टेस्ट दो सौ कर पूरे |
कर दे ऊँची नाक, बहा ना अश्रु जमूरे |

चला मदारी श्रेष्ठ, दिखाके करतब नाना |
ले लेता संन्यास, उम्र का करे बहाना |। 

दद्दा चुप्पै बैठिये, गोल-पोस्ट में खोट -

हाकी-काकी के कहाँ, काके कितने वोट |
दद्दा चुप्पै बैठिये, गोल-पोस्ट में खोट |

गोल-पोस्ट में खोट, जाय हिटलर हड़काये |
देंगे भारत-रत्न, गोल्ड पर कितना लाये ?

रविकर अंतर-ध्यान, चन्द बुड्ढे ही बाकी |
उनके कितने वोट, युवा ना देखें हाकी ||


Major Dhyan Chand
Dhyan Chand closeup.jpg

3 comments:

  1. मेजर ध्यानचंद भारत के रत्न !
    बहुत खूब !

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  2. क्या बात है...बात की बात है....बहुत खूब ...अब मेजर भारत रत्न लेकर करेंगे भी क्या ....

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