*फेलिन करता फेल जब, मनसूबे आतंक |
बिना आर.डी.एक्स के, हल्का होता डंक |
हल्का होता डंक, सुपारी फेल हुई है |
पारा-पारी ब्लास्ट, महज छह जान गई है |
कृपा ईश की पाय, कहाँ फिर मोदी मरता -
आई एस आई चाल, फेल यह फेलिन करता ||
Wednesday, 30 October 2013
मोदी मोधू में छिड़ी, जब वासंतिक जंग-
मोदी मोधू में छिड़ी, जब वासंतिक जंग |
तब परचून दूकान से, मोधू *किने पतंग |
मोधू किने पतंग, मँगा माँझा लाहौरी |
रहा विरासत बाँध, चढ़ाये बाहें-त्योरी |
बहुत उड़ रहा किन्तु, तेज बरसात भिगो दी |
इधर लगाए ढेर, बेचता जाये मोदी ||
*ख़रीदे
डरे सुपारी से अगर, कैसे होय सुपार |आज मरे या कल मरे, ये तो देंगे मार |ये तो देंगे मार, जमाना दुश्मन माना |शायद टूटे तार, किन्तु छोड़े क्यूँ गाना |दीवाना यह देश, देखता राह तुम्हारी |जीतोगे तुम रेस, आप से डरे सुपारी || |
बहुत सुंदर !
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