रविकर-पुंज
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Monday, 26 August 2013
ठेले बरबस खींचते, मन भर भर के प्याज
ठेले बरबस खींचते, मन भर भर के प्याज |
पिया बसे परदेश में, यहाँ छिछोरे आज |
यहाँ छिछोरे आज, बड़ा सस्ता दे जाते |
रविकर नाम उधार, तकाजा करने आते |
आया है सन्देश, बड़े हो रहे झमेले |
जल्दी रुपये भेज, खड़े घर-बाहर ठेले -
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
27 August 2013 at 05:52
हा हा :)
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हा हा :)
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