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Friday, 3 January 2014

नमो नमो का खौफ, लगे शहजादे चंगे-

गे-गूंगे के दौर में, मौन मुखर हो जाय |
गूँ गूँ गे गे गड़गड़ी, सम्मुख रहा बजाय |

सम्मुख रहा बजाय, आज जाकर लब खोला |
जिसकी खाय कमाय, उन्हीं की जय जय बोला |

नमो नमो का खौफ, लगे शहजादे चंगे |
जल्दी कुर्सी सौंप, ताकि हों जल्दी नंगे || 

4 comments:

  1. राजनीति ना भाय हमें, हम ऐसेई चंगे,

    ठण्डा पानी पीव करें बस हर हर गंगे!!

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  2. चाटुकार सरदार ज़बरजस्त टिपण्णी

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