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Friday, 6 September 2013

चल संसद की देख, चोचलेबाजी रविकर -

बाजी रविकर हारता, जब मंदा बाजार |
जार जार रोवें खड़ा, पड़ी गजब की मार |

पड़ी गजब की मार, नहीं मुद्रा हँस पाए |
चुप बैठी सरकार, हँसी जग में करवाए |

उधर सीरिया युद्ध, चीन इत बैठा घुसकर |
चल संसद की देख, चोचलेबाजी रविकर ||

6 comments:

  1. हमें भी ले चलें !
    सुंदर !

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  2. पड़ी गजब की मार, नहीं मुद्रा हँस पाए |
    चुप बैठी सरकार, हँसी जग में करवाए |

    उधर सीरिया युद्ध, चीन इत बैठा घुसकर |
    चल संसद की देख, चोचलेबाजी रविकर ||

    बहुत सटीक।

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  3. बाजी रविकर हारता, जब मंदा बाजार |
    जार जार रोवें खड़ा, पड़ी गजब की मार |

    दिल की बात कह दी , भाई जी ! बधाई !

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  4. समय आ गया है रविकर जी, रही सही कसर सरकार अब पूरी कर देगी, जब बिलकुल ही चला चली का वक्त आ जायेगा.चाहे आप कितनी ही चिकोटी काटले इन को पर ये मोती चमड़ी वाले लोग हैं इनका कुछ नहीं होने वाला.

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  5. समय आ गया है रविकर जी, रही सही कसर सरकार अब पूरी कर देगी, जब बिलकुल ही चला चली का वक्त आ जायेगा.चाहे आप कितनी ही चिकोटी काटले इन को पर ये मोती चमड़ी वाले लोग हैं इनका कुछ नहीं होने वाला.

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  6. गरम माहोल है ... आपने ओर भी गरमा दिया ...

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