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Wednesday 9 May 2012

ब्लॉग-विलासी दुनिया में-

ब्लॉग-विलासी दुनिया में, जो जीव विचरते हैं ।
 सुख-दुःख, ईर्ष्या-प्रेम, तमाशा जीते-करते हैं ।।

सुअर-लोमड़ी-कौआ- पीपल, तुलसी-बरगद-बिल्व 
अपने गुण-धर्मो  पर अक्सर व्यर्थ अकड़ते हैं ।    

तूती*  सुर-सरिता जो साधे, आधी आबादी  
काकू के सुर में सुर देकर  "हो-हो"  करते हैं |

हक़ उनका है जग-सागर में,  फेंके चाफन्दा*
जीव-निरीह फंसे जो 'रविकर',  आहें  भरते  हैं |

भावों का बाजार खुला,  हम सौदा कर  बैठे
इस जल्पक* अज्ञानी  के तो बोल तरसते हैं ||

जल्पक = बकवादी         तूती =छोटी जाति का तोता
चाफन्दा = मछली पकड़ने का विशेष  जाल
सुअर-घृणित वृत्ति        लोमड़ी-मक्कारी         कौआ-चालबाजी  
पीपल-ध्यान   तुलसी-पवित्रता    बरगद-सृष्टि      बिल्व-कल्याण

7 comments:

  1. हक़ उनका है जग-सागर में, फेंके चाफन्दा*
    जीव-निरीह फंसे जो आकर, आहें भरते हैं |
    sundar vyang Ravi ji ....badhai.

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  2. हक़ उनका है जग-सागर में, फेंके चाफन्दा*
    जीव-निरीह फंसे जो आकर, आहें भरते हैं |
    sundar vyang Ravi ji ....badhai.

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  3. सुअर-लोमड़ी-कौआ- पीपल, तुलसी-बरगद-बिल्व
    अपने गुण-धर्मो पर अक्सर व्यर्थ अकड़ते हैं ।सुन्दर शब्दार्थ व्याख्या भाग .सटीक व्यंग्य चिठ्ठियाए लोगों पर .शुक्रिया .कृपया यहाँ भी पधारें -
    बुधवार, 9 मई 2012
    शरीर की कैद में छटपटाता मनो -भौतिक शरीर
    http://veerubhai1947.blogspot.in/
    आरोग्य समाचार
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_09.हटमल
    क्या डायनासौर जलवायु परिवर्तन और खुद अपने विनाश का कारण बने ?
    क्या डायनासौर जलवायु परिवर्तन और खुद अपने विनाश का कारण बने ?
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/

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  4. हक़ उनका है जग-सागर में,फेंके चाफन्दा*
    जीव-निरीह फंसे जो आकर, आहें भरते हैं |
    ब्लॉग - विलासी दुनिया का शब्द- चित्र !

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  5. उम्दा पोस्ट .

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