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Thursday 28 November 2013

खाये घर की दाल, मजे ले अक्सर रविकर-

करमहीन नर हैं सुखी, कर्मनिष्ठ दुःख पाय |
बैठ हाथ पर हाथ धर, खुद लेता खुजलाय |

खुद लेता खुजलाय, स्वयं पर रखें नियंत्रण |
दे कोई उकसाय, चले ठुकराय निमंत्रण |

टाले सकल बवाल, रहे मुर्गी से बचकर |
खाये घर की दाल, मजे ले अक्सर रविकर ||


नहीं छानना ख़ाक, बाँध कर रखो लंगोटा

केले सा जीवन जियो, मत बन मियां बबूल |
सामाजिक प्रतिबंध कुल, दिल से करो क़ुबूल |

दिल से करो क़ुबूल, अन्यथा खाओ सोटा  |
नहीं छानना ख़ाक, बाँध कर रखो लंगोटा |

दफ्तर कॉलेज हाट, चौक घर मेले ठेले |
रहो सदा चैतन्य, घूम मत कहीं अकेले | 

3 comments:

  1. nice post computer and internet ki nayi jankkari tips trick ke liye hamare blog par bhi aaye www.hinditechtrick.blogspot.com

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