tag:blogger.com,1999:blog-6688688933783013202.post8836380844070832454..comments2023-11-26T00:30:49.569-08:00Comments on रविकर-पुंज: दुर्जन छवि हित किन्तु है, काफी एक विवाद-रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6688688933783013202.post-51620827158157232812012-10-22T09:42:12.513-07:002012-10-22T09:42:12.513-07:00 कुण्डली
चौदह सुइयां लगी थीं, काटा गोरा श्वान ।
... कुण्डली <br />चौदह सुइयां लगी थीं, काटा गोरा श्वान ।<br />काली कुतिया काटती, गई चार पे मान ।<br />गई चार पे मान, मर्म ऐसे समझाया ।<br />काटे नित इक शख्स, इसी से चार लगाया ।<br />कहीं विदेशी नस्ल, अगरचे काटी चाटी ।<br />सुई लगे न एक, मुहब्बत की परिपाटी।।<br />बढ़िया प्रस्तुति है भाई साहब .तंज भी और अभिधा भी .<br /><br />क्या मारा है स्वानों की विदेशी नस्ल से प्यार करने वालों को .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6688688933783013202.post-74491714731011348872012-10-22T09:40:35.762-07:002012-10-22T09:40:35.762-07:00सज्जन सी छवि पा गया, कर शत सत-संवाद ।
दुर्जन छवि ह...सज्जन सी छवि पा गया, कर शत सत-संवाद ।<br />दुर्जन छवि हित किन्तु है, काफी एक विवाद ।।<br /><br />आदिकाल की नग्नता, गई आज शरमाय ।<br /> परिधानों में पापधी , नंगा-लुच्चा पाय ।। <br /><br />लम्बी लम्बी बतकही, लम्बी लम्बी छोड़ ।<br />हँस हँस कर लम्बा हुआ, होवे पेट मरोड़ ।।<br /><br />बढ़िया प्रस्तुति है भाई साहब .तंज भी और अभिधा भी .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6688688933783013202.post-27371628212946264312012-10-22T01:23:23.337-07:002012-10-22T01:23:23.337-07:00वाह क्या काटा है !वाह क्या काटा है !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com