tag:blogger.com,1999:blog-6688688933783013202.post2259437799092749787..comments2023-11-26T00:30:49.569-08:00Comments on रविकर-पुंज: जियो जग छोड़ उदासी-रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6688688933783013202.post-18916763479178117632012-05-13T00:03:53.174-07:002012-05-13T00:03:53.174-07:00उदासीनता की तरफ, बढ़ते जाते पैर ।
रोको रविकर रोक ल...उदासीनता की तरफ, बढ़ते जाते पैर ।<br />रोको रविकर रोक लो, करे खुदाई खैर । <br />करे खुदाई खैर, चले बनकर वैरागी ।<br />दुनिया से क्या वैर, भावना क्यूँकर जागी ।<br />दर्द हार गम जीत, व्यथा छल आंसू हाँसी ।<br />जीवन के सब तत्व, जियो जग छोड़ उदासी ।।<br /> रविकर पुंज स्वागतम<br /><br />सकारात्मक चिंतन स्वागतम .बढिया हताशा भगाऊ पोस्ट .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com